ये हिंदुस्तान मेरा है... श्रद्धांजलि
एक श्रद्धांजलिश्री ए पी जे अब्दुल कलाम जी के नाम...
ये मुल्क़ मेरा है,
ये बंजर मेरे है,
ये गुलिस्तान मेरा है,
ये दर्द मेरा है,
ये ग़ुमान मेरा है,
मैं छोड़ के जाऊं कैसे?
ये हिंदुस्तान मेरा है|
अभी बहुत काम था बाकी,
अभी दुश्मन को था दिखाना,
मेरा मुल्क़ अमन चाहता है,
तुम नफ़रत ना फैलाना,
बाल सुफेद हुए तो क्या,
दिल जवान मेरा है,
दूर हटो ऐ दुनियावालो,
ये हिंदुस्तान मेरा है|
कमर थोड़ी झुक गयी थी,
पर इरादे बुलंद थे,
मुल्क़ की तरक्कियों पे,
न करते घमंड थे,
ले जाना और आगे इस मुल्क़ को,
चल कर पैरो के जो, निशान मेरा है,
मैं छोड़ के जाऊं कैसे?
ये हिंदुस्तान मेरा है,
ये हिंदुस्तान मेरा है||