Tuesday, July 9, 2019

रोहित 'रिकॉर्डतोड़' शर्मा

रोहित 'रिकॉर्डतोड़' शर्मा 

विश्व कप 2019 में रोहित शर्मा का 'रिकॉर्डतोड़' प्रदर्शन

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5 शतकधारी, रोहित 'रिकॉर्डतोड़' शर्मा
Source: Getty Images






विश्व कप 2019, कमाल का विश्व कप है यह| खास कर भारतीय खेल के नज़रिए से तो लाजवाब| लाजवाब इसलिए क्योंकि विश्व कप 2019 की भारतीय टीम में है एक ऐसा सितारा जो आज आसमान की बुलंदियों पर चमक रहा है, और वो हैं हमारा अपना रोहित 'रिकॉर्डतोड़' शर्मा| ROW में HIT करने की उनकी आदत की वजह से ही शायद उनका नाम रोहित है, शर्मा होने के बावजूद, ROW में HIT करने से वो शरमाते बिलकुल भी नहीं हैं| आइये जानते हैं हमारे हिटमैन रोहित 'रिकॉर्डतोड़' शर्मा के बारे में|

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रोहित 'रिकॉर्डतोड़' शर्मा
Source: Getty Images






रोहित शर्मा भारतीय बल्लेबाज़ी के लिए कितने महत्वपूर्ण है, ये उन्होंने विश्व कप 2019 में रनों का अम्बार लगाकर दिखाया है | वो पिछले 6 सालों से एक दिवसीय क्रिकेट में लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे है | इस विश्व कप में वो भारत के सबसे सफल बल्लेबाज़ है और इसका कारण है उनका रिकॉर्डतोड़ फॉर्म। हालाँकि रोहित इससे पहले भी भारत को अपने बल्ले से योगदान देते रहे है, पर ध्यान देने वाली बात ये है की उन्होंने विराट कोहली के कोई शतक न बनाने के बावजूद भी भारत को इसकी कमी महसूस नहीं होने दी | रोहित के फैंस उनके अद्वितीय प्रतिभा को देखते हुए उनसे ऐसे बल्लेबाज़ी की बहुत समय से प्रतीक्षा कर रहे थे | उन्होंने इस तरह के प्रदर्शन के लिए चुना भी क्रिकेट के सबसे बड़े मंच को | आइये रोहित के विश्व कप 2019 के प्रदर्शन और 5वें शतक से साथ बनाये गए रिकार्ड पर नज़र डालते है :

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रोहित शर्मा रिकार्ड्स नं०. 1 से नं०. 6 तक








विश्व कप 2019 में में रोहित शर्मा के रिकार्ड्स


1 (पहले बल्लेबाज़) -रोहित शर्मा विश्व के पहले बल्लेबाज़ है जिन्होंने एक विश्व कप में 5 शतक लगाए है, ये एक टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा शतक का विश्व रिकॉर्ड है | इससे पहले ये रिकॉर्ड (4 शतक) संगकारा के नाम था, जो उन्होंने 2015 विश्व कप में बनाया था |

1 (पहले स्थान की बराबरी) - रोहित शर्मा ने एक विश्व कप में सबसे ज़्यादा 4 मैन ऑफ़ द मैच जीतकर युवराज सिंह के रिकॉर्ड भी बराबर कर लिया | सचिन 3 मैन ऑफ़ द मैच (2003) जीतकर दूसरे नंबर पर है |

2 (रैंक नंबर 2) - रोहित एक दिवसीय रैंकिंग में अभी भी नंबर 2 पर बने हुए है और विराट कोहली से मात्र 6 पॉइंट्स की दूरी पर है जो की टूर्नामेंट की शुरुआत में 51 पॉइंट्स की थी |

3 (शतक) - रोहित ने विश्व कप में 3 शतक रनों का पीछा करते हुए लगाए | ये एक टूर्नामेंट में पीछा करते हुए शतक का विश्व रिकॉर्ड है | वो इंग्लैंड में भी लगातर 3 एक दिवसीय शतक बनाने वाले पहले बल्लेबाज़ बने | कुल मिलकर रोहित के इंग्लैंड में 7 शतक है, जो किसी भी विदेशी बल्लेबाज़ से 3 ज़्यादा है | उनसे आगे इंग्लैंड के ही जो रुट और मार्कस ट्रेस्कोथिक है, जिन्होंने 8 शतक लगाए हैं |

4 (शतक) - रोहित ने आई सी सी टूर्नामेंटो में रनों का पीछा करते हुए सबसे ज़्यादा 4 शतक लगाए है | उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी 2017 के सेमी फाइनल में भी पीछा करते हुए शतक लगाया था |

6 (विश्व कप शतक) - रोहित ने सचिन के कुल मिलाकर 6 विश्व कप के शतक की भी बराबरी कर ली | रोहित 6 शतक बनाने वाले पहले ओपनर है | सचिन ने 1999 में एक शतक (140*) चौथे नंबर पर बल्लेबाज़ी करते हुए बनाया था |

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रोहित शर्मा रिकॉर्ड नं०. 7 से नं ०. 12 तक













7 (शतक)- रोहित आई सी सी टूर्नामेंटो में सचिन और गांगुली के साथ 7 शतक लगाकर बराबरी पर है |

8 (चौके) - रोहित केवल 8 चौकों से सचिन के एक टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा चौके (75) लगाने के रिकॉर्ड से पीछे हैं |

11 (वें बल्लेबाज़) - रोहित विश्व के 11वें बल्लेबाज़ बने जिन्होंने 3 लगातार शतक बनाये है | भारत के तरफ से यह रिकॉर्ड सिर्फ कोहली के नाम पर था | विश्व कप में ये रिकॉर्ड बनाने वाले संगकारा के बाद रोहित सिर्फ दूसरे बल्लेबाज़ है | केवल संगकारा के पास 4 लगातार शतक बनाने का विश्व रिकॉर्ड है | संगकारा ने ये रिकॉर्ड विश्व कप 2015 में  बनाया था | 

23 (रन) - अगर रोहित विश्व कप में 23 रन और बनाते है तो विश्व कप में कुल मिलाकर 1000 रन बनाने वाले 21वें बल्लेबाज़ बन जाएंगे | वार्नर भी इस रिकॉर्ड से मात्र 17 रन दूर हैं | भारत की तरफ से ये रिकॉर्ड सचिन, गांगुली और कोहली के नाम पर है |

40 (रन) - रोहित एक टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा रनों के रिकॉर्ड को तोड़ने से मात्रा 40 रन दूर है | एक टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा रनों (686) का रिकॉर्ड ग्रेग चैपल के नाम है, जो उन्होंने 1981 के वर्ल्ड सीरीज कप में बनाया था |

64 (साल) - रोहित ने 64 साल पुराने क्लाइड वॉलकॉट के विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की | वॉलकॉट ने 1955 की टेस्ट श्रृंखला में 5 शतक लगाए थे |

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रोहित शर्मा रिकॉर्ड नं०. 13 से नं०. 17 तक

92.42 (औसत) - इस श्रृंखला में रोहित का औसत 92.42 का है, उनसे बेहतर औसत 96.20 केवल केन विलियमसन का है|

500 (रन) - रोहित एक विश्व कप में 500 रन बनाने वाले दसवें बल्लेबाज़ भी बने | सचिन ने ये कारनामा दो विश्व कप 1996 (523 रन) और 2003 (673 रन) में किया है | वो सचिन के अलावा ऐसा करने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय है |

600 (रन) - रोहित एक विश्व में 600 रन बनाने वाले केवल चौथे बल्लेबाज़ बने, इससे पहले सचिन 673 रन (2003), हेडेन 659 रन (2007) और शाकिब अल हसन 606 रन (2019) ने ये रिकॉर्ड बनाया है | वार्नर भी 600 रन बनाकर ऐसा करने वाले 5वें बल्लेबाज़ बने |

647 (रन) - रोहित ने विश्व कप के नॉकआउट स्टेज से पहले सबसे ज़्यादा रन बनाने का शाकिब अल हसन (606 रन) और सचिन (586 रन) का रिकॉर्ड भी तोड़ा |

1203 (रन) - रोहित इस साल सबसे ज़्यादा रन (1203) बनाने वाले बल्लेबाज़ है | उन्होंने इस साल भारत की तरफ से सबसे पहले 1000 रन भी पूरे किये है |

Friday, July 5, 2019

भारत VS इंग्लैंड मैच में भारत क्यों हारा इंग्लैंड से?

भारत VS इंग्लैंड मैच में भारत क्यों हारा इंग्लैंड से? 

भारत VS इंग्लैंड मैच में भारत क्यों हारा इंग्लैंड से?


India Vs England

हार और जीत खेल का अभिन्न अंग है और कोई खिलाड़ी या टीम इससे अछूता नहीं है| भारत VS इंग्लैंड मैच में, भारत भी इंग्लैंड से हारा, इसमें कोई समस्या नहीं है| भारत ने टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया है और एक-आध हार होना स्वाभाविक है| बल्कि, भारत पिछले तीन विश्व कप में सिर्फ एक-एक मैच ही हारा है, उस सन्दर्भ में देखें तो भारत को जो मैच हारना था वो हार चूका है| तो फिर भारत के हारने से समस्या है क्या? क्यों उसके प्रसंशक और आलोचक दोनों को भारत की हार को लेकर परेशानी हैअगर आप ये लेख पढ़ रहे हैं तो, आप या तो भारत के समर्थक है या आलोचक, या फिर दोनों ही|


Sachin fan
भारतीय समर्थक




Source: Getty Images

आगे बढने से पहले मैं ये बता दूँ, कि मैं क्रिकेट खेल का समर्थक हूँ, न कि किसी ख़ास टीम का| इसलिए इंग्लैंड और भारत दोनो ही मेरे लिए दो बेहतरीन क्रिकेट टीमें है|



भारत VS इंग्लैंड - इंग्लिश पारी


India VS England, Jonny Bairstow
बैर्स्टो और रॉय की शतकीय साझेदारी

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इंग्लैंड ने शुरुआत में भारत की गेंदबाज़ी अटैक को सावधानी से खेला और बैर्स्टो ने कई बार बचने के बावजूद भी अपना विकेट फेंका नहीं| पिच 400 रन की नहीं थी, पर फिर भी इंग्लैंड ने पिच की शुरूआती गति का फायदा उठाते हुए रन गति को बढ़ा दिया (जो की इंग्लैंड पिछले कुछ वर्षो से करता आया है)| स्पिनर्स जो भारत के लिए इंग्लैंड के विरुद्ध सबसे बड़ा हथियार थे, इंग्लैंड ने उसी पर आक्रमण किया | पंड्या की शार्ट पिच गेंद इंग्लिश ओपनर्स के लिए कोई नई बात नहीं थी, और स्पिनर्स इस धीमी गति की पिच पर फ्लाइट से उन्हें मात दे नहीं पा रहे थे| दोनों बल्लेबाज़ों ने छक्के और चौको की बौछार करते हुए सिर्फ 22.1 ओवर में 160 रनो की ओपनिंग पार्टनरशिप की जो इंग्लैंड को मैच में भारत से कहीं आगे ले गयी|

जडेजा ने बेहतरीन कैच कर रॉय को आउट किया, पर रुट और बैर्स्टो शुरुआती रन गति का फायदा उठाकर पारी को सँभालते हुए आगे बढे| आखिरकार 57 गेंदों की पार्टनरशिप के बाद, बैर्स्टो ने शामी की गेंद को मिसटाइम कर एक बेहतरीन शतकीय पारी समाप्त कीशामी ने पिछले मैच में स्टार्क की रणनीति अपनाते हुए, अपने अगले ही ओवर में मॉर्गन को शार्ट पिच गेंद पर आउट किया| दो जल्द विकेट के साथ 202/3 के स्कोर पर भारत मैच में वापसी की कगार में था| पर रुट और स्टोक्स ने 70 रन की भागीदारी कर मैच में अपनी बढ़त को बनाये रखा|

India VS England, Japreet Bumrah
बुमराह की शानदार गेंदबाजी
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जो रुट ने अपना विकेट रन गति को बढ़ाने की कोशिश में गंवाया| वो अपना अर्धशतक आराम से पूरा करते पर इस स्थिति में बटलर का महत्त्व वो जानते थे| बटलर और खासकर स्टोक्स ने शामी की गेंदों पर धुआंधार रन बटोरेशामी थोड़े महंगे साबित हुए पर अच्छी गेंदबाज़ी करते हुए तीन विकेट और लिए| स्टोक्स ने अपने बेहतरीन फॉर्म को जारी रखते हुए लगातार तीसरा और वर्ल्ड कप में कुल मिलाकर चौथा अर्धशतक बनाया| उनकी आखिर तक खेली गयी 79 रनो की आतिशी पारी ही इस मैच में हार और जीत का अंतर तय करने वाली थी| बुमराह ने आखरी 5 ओवर में सिर्फ एक बाउंड्री देते हुए "डेथ" गेंदबाज़ी का एक और बेहतरीन नमूना पेश किया| स्टोक्स भी उनकी गेंद पर बॉउंड्री लगाने में असमर्थ थे| ये बुमराह की ही गेंदबाज़ी थी, जिसके कारण भारत इंग्लैंड को 350 से कम स्कोर पर रोक पाया|



भारत VS इंग्लैंड - भारतीय पारी


India Vs Engand, K L Rahul
के. एल. राहुल शून्य पर आउट होकर पवेलियन लौटते हुए


Source: Getty Images

राहुल पूरे टूर्नामेंट की तरह संघर्ष करते हुए धीमी होती विकेट पर वोक्स को उनकी ही गेंद पर अपना कैच थमा बैठे| रोहित एक और शुरुआती जीवनदान और दो चौको के बाद असमतल उछाल की वजह से जूझते नज़र आये| इंग्लिश सलामी गेंदबाज़ सधी हुई गेंदबाज़ी कर रहे थे| कोहली अच्छी लय में दिखे पर बड़े लक्ष्य और मध्य क्रम की खास फॉर्म न होने को देखते हुए रोहित के साथ सतर्कता से बल्लेबाज़ी करते रहे| कोहली ने जल्द ही वर्ल्ड कप का अपना लगातार 5वां अर्धशतक बनाया| रोहित शर्मा ने भी धीरे-धीरे लय पकड़ी और तेजी से रन बनाने लगे| आर्चर और वोक्स की अच्छी गेंदबाज़ी के बाद बल्लेबाज़ों ने रशीद, वुड और स्टोक्स पर जल्दी से रन इकट्ठे किये| पर धीमी होती विकेट पर अपने विविधता से प्लंकेट भारतीय जोड़ी को लगातार परेशान करते रहे| इसका फल उन्हें कोहली की विकेट के तौर पर मिला| एक बेहद महत्वपूर्ण 144 रनो की साझेदारी समाप्त हुई और भारत को अभी लगभग 9 रन प्रति ओवर की गति से 194 रन और बनाने थे| रोहित शर्मा ने पंत के साथ एक तेज़ अर्धशतकीय साझेदारी की और भारत को मैच में बनाये रखा| इसी दौरान रोहित शर्मा ने टूर्नामेंट में अपनी तीसरी सेंचुरी पूरी की|

India VS England, Rohit Sharma
रोहित शर्मा ने टूर्नामेंट में अपना तीसरा शानदार शतक पूरा किया
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वॉक्स ने अपने दूसरे स्पेल की पहली ही गेंद पर रोहित को ऑफ कटर गेंद से चलता किया| यह भारत के लिए बड़ा झटका था और किसी स्थापित बल्लेबाज़ के बिना ये लक्ष्य बेहद मुश्किल था| पंत और पंड्या ने कुछ तेज़ रन जोड़े पर वोक्स ने एक ज़बरदस्त कैच पकड़कर पंत को विदा किया| पंड्या की तेज़ तर्रार बल्लेबाज़ी से भारत की उम्मीद अभी भी बंधी हुई थी, लेकिन भारत को एक बड़े ओवर की आवश्यकता थी, पर इंग्लैंड के गेंदबाज़ों ने कसी हुई गेंदबाज़ी बरकरार रखी और कुछ बॉउंड्रीज़ के बावजूद कोई महंगा ओवर नहीं फेंका| रन रेट के दबाव में पंड्या ने अपना विकेट खोया और भारत ने शायद मैच| भारत को आखरी 5 ओवरों में 71 रन चाहिए थे| पर धोनी और जाधव सरीखे बल्लेबाज़ के होते हुए ये नामुमकिन नहीं था| पिच अब बिलकुल धीमी हो गयी थी और इंग्लैंड के गेंदबाज़ बड़ी समझदारी से गति में परिवर्तन कर रहे थे| बल्लेबाज़ी मुश्किल थी और लक्ष्य बड़ाधोनी को पुल करते हुए अँगूठे में चोट लगी और इसके बाद दोनों बल्लेबाज़ों ने सिर्फ अपने विकेट बचाने का फैसला किया| इंग्लैंड ने अपने शानदार ऑल राऊंड प्रदर्शन से इस मैच को 31 रनों से जीत कर औपचारिकता पूरी की|

India VS England, MS Dhoni
अंतिम औपचारिकताएं


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Friday, June 21, 2019

कृषि ज्ञान | एक वरदान


कृषि ज्ञान | एक वरदान

कृषि ज्ञान से जुड़ा एक आवश्यक लेख


Farming and Harvesting Need of India

कृषि ज्ञान एक वरदान| जी हाँ आज हमें लगभग सभी चीज़ों का ज्ञान है, लेकिन हमारा कृषि ज्ञान कम होता जा रहा है| जैसे आज के युग में हमें दूसरी चीज़ों के ज्ञान की ज़रूरत है, ठीक वैसे ही हमें कृषि ज्ञान की भी आवश्यकता है, खासकर जो एक किसान परिवार से सम्बंध रखते हैं| कृषि ज्ञान हमारे लिए ज़रूरी इसलिए भी है क्योंकि यह हमारी सबसे पहली ज़रूरत को पूरा करता है, जो है खाना, भोजन| भोजन की उत्पत्ति के लिए कृषि ज्ञान एक वरदान ही तो है|

हर इंसान की ज़रूरत है रोटी, कपड़ा और मकान| कपड़े और मकान के बगैर तो इंसान फिर भी जी सकता लेकिन रोटी के बिना नहीं जी सकता| रोटी यानि भोजन| भोजन हमें मिलता है अनाज से और अनाज पैदा होता है खेती यानि कृषि द्वारा| जी हाँ आज का हमारा विषय है कृषि और कृषि का ज्ञान| कृषि हमारे जीवन का अभिन्न अंग है, जिसके लिए कृषि विभाग तरह-तरह के अभियान भी चला रहा है| आधुनिक कृषि भी उनमें से एक है, ताकि कृषि के लाभ ज़्यादा से ज़्यादा समाज में लोगों को प्राप्त हो सके| आज हमारे जीवन में कृषि विकास के उपाय ज़रूरी हो गए हैं| अगर हम जल्द ही कृषि को लेकर जागरूक नहीं हुए तो शायद इसका परिणाम भुगतना पड़ सकता है|

शहरों की चकाचौंध भरी दुनिया सबको अपनी तरफ खींच रही है| यहां तक कि हमारे किसान भाई भी खेती करना छोड़कर शहर की ओर खिंचे चले आ रहे हैं| आज के इस मॉडर्न युग में टेक्नोलॉजी ने सब कुछ आसान कर दिया है| जो हमें आगे तो ले जा रही है, पर साथ ही साथ हमें आलसी भी बना रहा है| कटाक्ष: अब तो बस एक ऐप आना ही बाकी रह गया है, जिस में होगा “भाइयों और बहनों आपको कुछ नहीं करना बस आराम से पैदा हो जाइये, आपको आपके मरने तक हम संभाल लेंगे, बस पैदा होते ही XYZ ऐप डाउनलोड कर लें”|

कृषि का अर्थ और कृषि के लाभ


Farming and Harvesting Need of India

कृषि का अर्थ है खेती, खेती का मतलब उत्पादन, खाद्य सामग्री अथवा ज़रूरत की चीजों का| खेती में खाद्य सामग्री ही नहीं इसके अलावा पहनने ओढ़ने की चीज़ें जैसे कपास, रूई, रेशम आदि भी शामिल हैं| खेती से हमें गाय-भैंसों का चारा मिलता है, जिससे दूध के उत्पादन में बढ़ोतरी होती है| कृषि से जलाने के लिए लकड़ी अथवा बहुत सारी और चीज़ें भी मिल जाती हैं|शहरों में रहने वाले हम आधे से ज़्यादा लोग यह तक नहीं जानते कि आलू मिट्टी में पैदा होता है या पेड़ों पर निकलता है| टमाटर खेतों में होता है या पेड़ों पर| शहरों के लोगों को पता है तो बस इतना कि सब्ज़ी दुकान पर मिलती है, और सब्ज़ी दुकानदार देता है| ज़्यादातर नई जनरेशन इस बारे में नहीं जानती| आज यह सब कुछ हमें अपने बच्चों को बताना ज़रूरी हो गया है| आज हम अपने बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर बनाना चाहते हैं, या फिर कोई बड़ा वकील बनाना चाहते हैं, लेकिन अपने बच्चों को किसान कोई नहीं बनाना चाहता|

कृषि विभाग


Ministry of Agriculture & Farmers Welfare, Government of India
आज कृषि विभाग, कृषि को उच्चतम शिखर पर ले जाने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहा है, और साथ ही साथ लोगों को भी जागरूक कर रहा है| लोगों को कृषि करने के अचूक तरीके, जैसे कीटनाशकों को अपनाने के तरीके, फसलों को सही तरीके से कैसे उगाए, बीज किस तरह से बोयें और कब बोयें? कौन सी फसल किस मौसम में करें, मिट्टी की उर्वरक्ता कैसे मापे? या मिट्टी में खाद का मिश्रण किस प्रकार करें? कौन सी मिट्टी में कौन सी फसल होगी, इसकी जांच कैसे करें आदि चीज़ें शामिल हैं| फसलों में पानी किस प्रकार लगाएं वगैरह-वगैरह| कृषि विभाग बहुत कुछ कर रहा है हमारे लिए हम सबके लिए|

कृषि विभाग की वेबसाइट्स की अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें 


कृषि विकास के उपाय


Farming and Harvesting Need of India

आज के समय की जो सबसे बड़ी माँग है वो है कम समय में ज़्यादा उत्पादन, और इस समस्या का समाधान निकालने के लिए और कृषि को और भी बेहतर बनाने के लिए बड़े-बड़े एक्सपर्ट जुटे हुए हैं, और तरह-तरह के नए उपाय भी खोजे जा रहे हैं| कृषि को और बेहतर करने के लिए यह समझना ज़रूरी है कि
  1. कौन सी खेती किस प्रकार करनी है?,
  2. किस समय करनी है?,
  3. किस फसल में कीटनाशक किस समय, या कितने समय के बाद, और कितनी मात्रा में इस्तेमाल करना है

इन सभी उपायों की खोज लगातार की जा रही और इनकी जानकारी लोगो तक कृषि विभाग अपने अनेकों माध्यमों से पहुंचा रहा है| यह तो हुई आम जानकारी| लेकीन वैज्ञानिक कृषि करने के आधुनिक तरीके भी ढूँढ रहे हैं | जैसे
  • इनडोर फार्मिंग (जिसमें किसी घरनुमा, छत डली हुई बड़ी सी जगह पर खेती की जाती है),
Indoor Farming

  • वर्टिकल फार्मिंग (जिसमें मिट्टी नहीं होती और पानी का इस्तेमाल 95% कम होता है, इसे भी बड़े बड़े मकानों में या बिल्डिंगों में किया जाता है), 
Vertical Farming
  • प्रो ट्रे टेक्नीक और प्लग ट्रे टेक्नीक (जिसमें छोटे खानों वाले ट्रे में पौधे उगाए जाते हैं, खुले में या बड़े बड़े मकानों या बिल्डिंगों में) आदि|
Pro Tray Farming

आधुनिक कृषि


आज जहां जनसंख्या दिन दुगनी रात चौगुनी तरक्की पर है, वहीं हर प्रकार की समस्या भी उसी तेज़ी से अपने पैर फैला रही है, जैसे रहने के लिए मकान, खाने के लिए खाना, पीने के लिए पानी, शुद्ध हवा और न जाने क्या-क्या कम होता जा रहा है| मगर सबसे बड़ी समस्या है ज़मीन| आबादी तेज़ी से बढ़ रही है और उनके लिए ज़मीन घट रही है| अनाज की पैदावार हो रही है कम और अनाज की ज़रूरत है ज़्यादा| मतलब कम समय और कम जगह में ज़्यादा उत्पादन करने की ज़रूरत है| तो अब करे क्या? कृषि के लिए ज़मीन बचेगी ही नहीं| इस परेशानी से बचने के लिए हमें आधुनिक खेती का सहारा लेना पड़ेगा जिसका अब धीरे-धीरे प्रयोग होने लगा है| जैसे अभी समय पहले अंतरिक्ष यान में खाना उगाया गया जो देखने में गोभी के पत्ते जैसा था| यह अंतरिक्ष में उगाई गई पहली फसल थी जिसे आधुनिक कृषि का एक उदाहरण माना जा सकता है|
Advance Farming, Modern Farming, Farming in Space, Nasa

फुटेज courtesy नासा

आधुनिक कृषि आने वाले समय में हमारे बहुत काम आने वाली है| मगर उससे पहले हमें अपने बच्चों को आने वाली परेशानियों के अनुसार तैयार करना होगा| उनके अंदर कृषि का ज्ञान भरना पड़ेगा क्योंकि आने वाले समय में वही लोग कामयाब होंगे जो लोग कृषि से जुड़े हुए होंगे या फिर कृषि के तरीके जानते होंगे| उस समय उनकी बहुत डिमांड होगी और उन्हें लोग मूंह माँगा पैसा भी देंगे, क्योंकि उनके पास खाना होगा या फिर खाना पैदा करने का तरीका होगा| आखिर में बस इतना ही कि कृषि का ज्ञान लीजिए, कृषि को समझिए, कृषि को जानिए, कृषि को बढाइए, कृषि के ज्ञान को बढाइए, क्योंकि कृषि ज्ञान एक वरदान है|

Monday, May 27, 2019

Deoria Tal - Trek & Travelogue - 2

Deoria Tal - Trek & Travelogue-2


Deoria Tal Chandrashila Trek


Kedar Range from Deoria Tal, Kedarnath and Kedar dome peaks
The "Mukut" of Kedarnath Peak along with Kedar Dome (the curve right of the peak)

On our journey, from Delhi to Deoria Tal & Chandrashila. We reached Rishikesh on the first day and had an amazing time. You can read about the journey so far in Deoria Tal - Trek & Travelogue Part 1. In, this blog we travel from Rishikesh to Sari Village, the starting point of Deoria Tal Trek. So, let’s continue our trip to Chopta in Deoria Tal - Trek & Travelogue Part 2.

Wednesday, May 8, 2019

Deoria Tal - Trek & Travelogue

Deoria Tal - Trek & Travelogue

Deoria Tal Chandrashila Trek

I am sitting at Shatrughan Ghat watching River Ganga
River Ganga and Me
In these blog, Deoria Tal - Trek & Travelogue & 2, I am sharing my travel experience to offbeat destinations of Deoria Tal, and Chandrashila Peak in North India. The blog recounts our trip to Deoria Tal and Chandrashila from Delhi. Enjoy the overwhelming Deoria Tal-Chandrashila Trek.


Why Deoria Tal Chandrashila trek?


My Friend Manish demanded "Mujhe hare nahi safed pahaad dekhne hai (I don’t want to see lush but snowclad mountains)" and my younger brother asked "Central Himalaya ke Pahaad dikhenge na? (Will the Central Himalayan peaks be visible?)".

I knew that both of them are not very keen on trekking for long hours. We had only four days to complete the trip. Also, we all wanted to watch the Snowclad Central Himalayan Peaks (a bit of Geeky language!! I know).

A trek to Deoria Tal and Chandrashila for the weekend trip was an ideal choice. The treks are small with unparallel views of Garhwal Himalayan range. The treks are open in all season. Also, the treks are easy to access and well connected. One can reach easily on public transport. So, I described them about the Chandrashila and Deoria Tal trek.

How difficult is Chandrashila and Deoria Tal trek?


Deoria Tal is an untouched emerald lake at an altitude of 2438 meters (7999 ft) with lush green, woody surroundings. It has a gorgeous backdrop of peaks like Chaukhamba, Kedar range, and Thalay Sagar.

The trek route is about 2.5 kilometers and starts from Sari Village. It involves easy to moderate grade trekking. The trek from Sari to Deoria Tal usually takes 1 to 1.5 hours since it includes some steep ascent. The trail is rocky but well defined.

Deoria Tal at sunrise with Chaukhamba peaks in the background
Deoria Tal at sunrise with Chaukhamba peaks in the background

Chandrashila is the summit of Chandranath Mountain at an altitude of 3682 meters (12077 ft). Chandrashila literally means “Moon Rock” which offers a 360° view of Heavenly giants like Nanda Devi, Trishul, Chaukhamba, Kedar range, Neelkanth and many more.

The trek is famous for Tungnath, one of the Panch Kedar temples. The others are Rudranath, Madhyamaheshar, Kedarnath and Kalpeshwar. Tungnath, the Highest Shiva temple is situated on this very mountain.

The trek is about 4 kilometers (shortest trek of all Kedar) and starts from Chopta. The trek from Chopta to Tungnath is on a cemented pilgrim trail with benches at regular intervals to rest and enjoy the scenic beauty. The climb from Tungnath to Chandrashila is steep and rocky. It involves easy to moderate grade trekking and usually takes 3-4 hours to complete.

What is the best time to Visit Chandrashila and Deoria Tal?


The best time to visit is mid-March to June and September to mid- November. As Snowfall and sub-zero temperature are common during Winters. One can go for Winter trek to Chandrashila and Deoria Tal in December to February as well. Winter trek takes longer as you need to tackle the snow. Monsoons months could be tricky in the Mountains with landslides and roadblocks.

I prefer and recommend October end - early November to visit the mountains. The weather usually remains stable with clear blue sky and bright sunshine. No rain clouds, dense fog or snow to block the view.

We chose October 31st to avoid the weekend crowd. The forecast showed stable weather for the next three days. Winter came early last year ending the regular season abruptly. (Thankfully without the White Walkers). That meant a lesser crowd altogether.
  

How to reach Deoria Tal and Chandrashila?


Itinerary for Deoria Tal Chandrashila trek


  1. Day 1 – From Delhi reach Haridwar (225kms) or Rishikesh (24kms), overnight stay
  2. Day 2 – Reach Ukhimath (182kms) or Sari – (14kms), trek to Deoria Tal, overnight stay at Sari
  3. Day 3 – Reach Chopta (16 km), trek to Chandrashila, trek down and overnight stay at Chopta 


Budget for Deoria Tal Chandrashila trek


We decided to travel on Public transport and make it a low budget trip. It was not comfortable but we wanted to travel with the locals. Our route plan was flexible, so we did not book any hotels/guest house in advance. There were many budget options to stay in Chopta. Haridwar, Rishikesh, Devprayag and Ukhimath and other en-route towns had a range of staying options too.


So, our Journey began

Delhi to Rishikesh – Day 1

Parantha and chai while departure from Kashmere Gate
Parantha and chai while departure from Kashmere Gate
I left my Office in Gurgaon at 8 o’clock in the morning. I had only 2 hours to reach Kashmere Gate Bus Terminal. The bus tickets were already booked with its departure at 10 o’clock. Delhi Metro was our only hope. (What!! Crowded??). Remember, traveling with the locals!!

I managed to reach the bus station with 10 minutes to spare. Shaan and Manish were already waiting anxiously at the Bus station. Ready to make excuses to delay the departure of the bus. 

The journey started from Kashmere Gate bus station at 10 am in the morning to reach Haridwar – The next destination on our long journey. The Plan was simple for the day, Reach Haridwar, taste local food, watch Ganga Aarti and then leave for Rishikesh or DevPrayag for the overnight stay.

Haridwar


We reached Haridwar by 3:30 pm and found the initial trace of Shivalik hills. The life-giving Ganga emerges from hills and reaches the Northen plains here (Yes! Geography). There was a slight change of plan en route Haridwar. The Ganga Aarti usually takes place around 6 pm and that would mean waiting here for 2 and a half hours. Watching the Aarti and taking photos of Ghats could have halted our journey today. So, we decided that we will rather reach Rishikesh to watch the Ganga Aarti and advance towards DevPrayag thereafter without waste of time. We boarded an Auto Rickshaw to reach Haridwar.


Rishikesh
Diya offered to River Ganga at Triveni Ghat shot from Cell Phone
Diya offered to River Ganga at Triveni Ghat shot from Cell Phone
The road towards Rishikesh goes through Rajaji National park as soon as you cross Raiwala. The change in weather and landscape was apparent. The temperature dropped 4-5 degrees with the thick foliage around and Shivalik foothills in the backdrop. We were in the territory of “The Himalayas”. We silently watched the trees and hills going by with little streams emerging occasionally. We reached Rishikesh by 4:30 pm. The local Phat-Phat autowala took us to the local bus stand to find out the options to reach Devprayag. No public transport leaves for the upper hilly region after 5 pm and only private cabs were available. So, we decided to stay in Rishikesh and leave early in the morning. The Autowalla again helped us to find a Hotel right next to the bus stand. We dropped our baggage and left for Triveni Ghat right away. We gave some extra tip to our "Auto Waley Bhai Sahab" for his guidance.

Rishikesh - wandering in alleys
Rishikesh - wandering in alleys

Ganga Aarti at Triveni Ghat, Rishikesh


After a small walk through the market, we reached the Ghat, the Aarti was about to commence. It was twilight and the glittering river bank started to resonate with bell sounds and prayer chants. The Pujaris (Priests) lined up and started waving the fire stands animatedly, in sync with the live Bhajan (Hymn) and claps. People, priests, and everything was paying homage to Sacred Ganga.
Fire Stands at Triveni Ghat after the Aarti
Fire Stands at Triveni Ghat after the Aarti











The scene was spellbinding and we stood there enchanted. The settings on my camera did not allow me to capture the hallowed moments but nonetheless, our visit to Rishikesh was rewarded in full. The Aarti ended with "Har Har Gange, Jai Maa Gange" chants. We left the Ghats with people dancing and singing along the Bhajan.

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