Wednesday, May 10, 2017

Are you FILMY?-2

Are you FILMY?-2

Films, Actor, Actresses

In the previous part (Are you FILMY?-1) you read about 3 films - Filmistan, Bollywood Diaries, and Bombay Talkies. The list continues…


Film, Fan, Shahrukh Khan

FAN – A film about a fan of a Bollywood Superstar. ‘GAURAV CHANDANA’ (Shahrukh Khan) a Delhi based cyber cafe owner. And an obsessed fan of Bollywood Superstar ‘ARYAN KHANNA’ (also Shahrukh Khan). Gaurav is a lookalike of Aryan. That’s why he uses to call Aryan Senior. Aryan is god for him. A co-actor of Aryan ‘SID KAPOOR’ (Taher Shabbir) says something wrong about Aryan. Gaurav can’t hear anything about Aryan so he beats Sid and records and uploaded to the internet. Aryan sees that and gets Gaurav arrested for the crime. Aryan met Gaurav in the jail and says Gaurav is not his fan. Gaurav gets shattered and decided to ruin Aryan’s fame, until he says sorry to him.

Directed by: Maneesh Sharma

Cast: Shahrukh Khan, Taher Shabbir, Sayani Gupta and Shriya Pilgaonkar


Film, Om Shanti Om, Sharukh Khan, Deepika Padukone

OM SHANTI OM – Another Shahrukh Khan’s movie based film. Om Shanti Om is a mix of two old classic films ‘KARZ’ and ‘MADHUMATI’. ‘OM PRAKASH MAKHIJA’ (Shahrukh Khan) a junior artist loves superstar ‘SHANTI PRIYA’ (Deepika Padukone). He can do anything for her. His friend ‘PAPPU’ (Shreyas Talpade) and mother ‘BELA’ (Kirron Kher) always supports him and says Om will be a superstar one day. Later Om came to know that Shanti is pregnant and secretly married to her producer ‘MUKESH MEHRA’ (Arjun Rampal). But Mukesh doesn’t want to get in the mess and wants to produce a grand film OM SHANTI OM. So Mukesh said to Shanti that we will reveal and have a grand wedding in front of everybody on the sets of OM SHANTI OM. He asks her to meet her on the set and trapped her sets it on fire. Om can’t save Shanti and he was thrown to the car with a blast of the building where Shanti was trapped. Om hit by the car of a Superstar ‘RAJESH KAPOOR’ (Javed Sheikh) who was taking his pregnant wife ‘LOVELY’ (Asawari Joshi) to hospital for delivery. At hospital Om dies and Lovely gives birth to a son, also named OM. Om’s soul reincarnates into newborn Om Kapoor.

Years later ‘OM KAPOOR’ (Shahrukh Khan) who is now known as OK becomes a superstar and lives a luxurious life which was imagined by OM PRAKASH MAKHIJA. OK experiences his reincarnation and memories of OM PRAKASH. On an award ceremony coincidentally OK gives drunken OM’s speech. Pappu saw that speech on TV. Later OK reunites with Pappu and his mother Bela and decided to punish Mukesh Mehra for Shanti’s death by creating all the past once again. Ok restarts OM SHANTI OM with Mukesh Mehra and search for an actor who will do Shanti. Luckily they found ‘SANDY’ (Deepika Padukone). They chose ‘DOLLY’ (Yuvika Chaudhary) ex-item girl ‘KAMINI’s’ (Bindu) daughter for SHANTI PRIYA’s character and ‘SHAWAR’ (Shawar Ali) for Mukesh Mehra’s Character. Om creates spirit incidences with Sandy to scare Mukesh Mehra. But finally Mukesh was killed to a chandelier by Shanti Priya’s real spirit.
A fun and entertaining film.

Directed by: Farah Khan

Cast: Shahrukh Khan, Deepika Padukone, Arjun Rampal, Kirron Kher, Shreyas Talpade, Bindu, Javed Sheikh, Satish Shah, Yuvika Chaudhary and Asawari Joshi.


Films, Dialogue, Bollywood Dialogues


There are a few more films which shows all sides and facets of the film industry are they are:

Films, The Dirty Picture, Page 3, Fashion, Calendar Girls, Vidya Balan, Priyanka Chopra, Emran Hashmi, Naseeruddin Shah, Kangna Ranaut

THE DIRTY PICTURE – A film about inspired by the life of Silk Smitha.

PAGE 3 – A film based on Page 3 culture and shows the dual lives of the celebrity.

FASHION – A small town girl story of being a supermodel from success to downfall.

HEROINE – Success and downfall story of a Bollywood superstar.

CALENDAR GIRLS – Success and downfall story of supermodels.


Films, Kagaz Ke Phool, Guru Dutt, Akele Hum Akele Tum, Amir Khan, Manisha Koirala, I hate Luv Stories, Emran Khan, Sonam Kapoor, Rangeela, Urmila, Tees Maar Khan, Akshay Kumar, Katrina Kaif

KAGAZ KE PHOOL – A classic film of Guru Datt. The movie shows the non-acceptance of a career in the film industry. Story of a director, who struggles to settle down his married life due to a career in films.

AKELE HUM AKELE TUM – Story of two artists. One succeeded to become an actress and one failed to become a music director.


Few films related to films.

BOLLYWOOD CALLING 

DHOONDTE REH JAOGE

I HATE LUV STORYS

KHOYA KHOYA CHAND

LUCK BY CHANCE

MERE DOST PICTURE ABHI BAKI HAI

RANGEELA

SHORT KUT THE CON IS ON

SULEMANI KEEDA

SUPERSTAR

TEES MAAR KHAN



Sunday, May 7, 2017

Are you FILMY?-1

Are you FILMY?-1

Films

Hello friends, this is your friend Sheikh Mustak “SAHIB” once again. And today I came with an article for the people who call themselves “FIMLY” the Bollywood movie buff. So friends if you are really filmy then you must watch these Bollywood flicks which I am going to tell you in this article. So enjoy reading and do watch these movies. Here we go…


Friday, April 28, 2017

धरती प्यासी है

धरती प्यासी है

पानी की ज़रूरत और पानी का महत्व हमारे जीवन में

Dry land, No water, Waterless

आज हर इंसान की पहली ज़रूरत है घर| एक ऐसा घर जहाँ सारी सुख-सुविधाएं हों| सारी ना सही कम से कम बिजली और पानी तो ज़रूर हो| अब हमारे नेता भी तो हमसे यही वादा करते हैं की वो हमें सारी सुविधाएं देंगे सारी ना सही कम से बिजली और पानी तो ज़रूर देंगे| खैर छोड़िये इन नेताओं की बातों को| हम अपने मुद्दे पर आते हैं|

Hand Pump, Tap

इस धरती पर जो भी जीव हैं बाकि सुख-सुविधाओं के बिना तो जी सकता हैं लेकिन पानी के बिना ज़्यादा दिन शायद ही जी पाएं| क्योंकि जल ही जीवन है| हम जब छोटे हुआ करते थे तब हमारे पड़ोस के घरों में या गली में एक नलका यानि हैंडपंप लगा होता था| हत्था दबाओ और जितना चाहो पानी निकालो| नलका चलाने से सेहत भी दुरुस्त रहा करती थी| फिर किसी ने प्राइवेट बोरिंग करवा ली और कुछ लोगो ने अपने-अपने घरों में पानी का कनेक्शन लगवा लिया| लेकिन बाकि के लोग तब भी नलके से ही पानी भरते रहे| बोरिंग वाले को वो नलका खटक रहा था क्योंकि वो नलका उसकी कमाई में बाधा बन रहा था| तो उसने एक मुफ्त का कनेक्शन गली में भी लगवा दिया बाकि लोगो के लिए| बाकि लोग भी उस कनेक्शन से पानी भरने लगे और नलके को भूल गए| अब लोगो को नलका चलाना भारी लगने लगा| नलका ना चलने की सूरत में लोगो की आदत और नलके की हालत ख़राब होने लगी| और धीरे-धीरे वो नलका पानी निकालने लायक नहीं रहा|

Water, Tap

नलके के ख़राब होते ही बोरिंग वाले ने कनेक्शन से पानी देना बंद कर दिया और लोगो को गालियाँ देते हुए कनेक्शन लगवाने के लिए कहा| लोगो ने भी आखिर कनेक्शन लगवा ही लिया| और इस तरह नलका शहरों से गायब हो गया| शहर भी प्रगति की ओर बढ़ रहे थे| हर जगर ऊँची इमारतें, पक्की कंक्रीट की सड़के, पक्की नालियाँ और सीवर| कच्ची ज़मीन बहुत कम रह गयी| बारिश भी होती तो सडको और नालो से होते हुए काली गंगा में जा समाती| और यहीं से शुरू हुई पानी की परेशानी| बोरिंग होती गयी| धरती की छाती की गहराई से पानी निचोड़ कर निकाला जाने लगा| यहाँ तक पानी की कमी को पूरा करने के लिए दूसरे राज्यों से पानी मंगवाया जा रहा है| जबकि इस समस्या का समाधान हम और आप खुद ही कर सकते है| यहाँ मैं यह बिलकुल नहीं कहना चाह रहा की हमें फिर से पीछे जाकर हैंडपंप लगाना चाहिए| 
Soak Pit, Water

एक पुराना और साधारण सा तरीका| लेकिन क्या हम और आप इसे अपनाएंगे? जिस धरती को हमने प्यासा कर दिया क्या हम उसकी प्यास बुझाएंगे? जब हम धरती की कोख में एक बीज बोते हैं तो वो उसे हज़ार गुना करके हमें फसल से रूप में वापिस देती है| अब जब धरती ही प्यासी रहेगी तो हमारी प्यास कैसे बुझाएगी| धरती की प्यास बुझाने के लिए एक आसन और सरल उपाय है- सोकता बनाना| अगर हर घर में बारिश के पानी के लिए एक सोकता हो तो इस समस्या से निपटा जा सकता है| अगर हर घर सोकते को अपना ले तो एक या दो साल के अन्दर ही ज़मीन के अन्दर पानी का स्तर ऊपर उठने लगेगा और धरती का कलेजा चीर देने वाली गहरी-गहरी बोरिंग नहीं करनी पड़ेगी| और ना ही पड़ोसी राज्यों से पानी मंगवाना पड़ेगा| तो आइये अपने-अपने घरों में सोकता बनाएं और धरती की प्यास बुझायें|

Water, World, Tap, Water is Life



Monday, April 24, 2017

दुनिया कैसे चलती है?

दुनिया कैसे चलती है?

दुनिया कैसे चलती है? और इसे कौन चलाता हैं?

World, Cartoon, Question

दुनिया कैसे चलती है? यह तो सभी जानने के इच्छुक हैं, आइये एक कहानी के माध्यम से समझते हैं कि दुनिया कैसे चलती है?

एक बार शिव जी और पार्वती जी में बहस छिड़ जाती है कि इस दुनिया में सब कुछ अच्छा है सिवाय एक चीज़ के, और वह है पेट| इस पर पार्वती जी शिव जी से मनुष्य का पेट हटाने का आग्रह करती हैं| शिव जी ऐसा करने से मना करते हैं| पर स्त्री के आगे किसकी चलती है| आख़िरकार उन्हें पार्वती जी की बात माननी पड़ी और उन्होंने मनुष्य का पेट हटा दिया|

World, Cartoon, Shiv Parvati, God

पार्वती जी को मनुष्य का पेट हटाने का परिणाम दिखाने के लिए शिव जी उन्हें लेकर पृथ्वी-लोक भ्रमण के लिए आये| शिव जी पार्वती जी को लेकर पृथ्वी-लोक पर एक वन में पहुंचे और घूमने लगे|

Shiv Parvati, Cartoon

घूमते-घूमते पार्वती जी थक गयीं| तो पार्वती जी ने शिव जी से कहा कि अब यहीं विश्राम करते हैं अब और चला नहीं जा रहा है| और एक-आध महीना वहीँ डेरा डालने की अपनी मंशा भी जताई| तो शिव जी बोले अगर एक-आध महीने के लिए ही रुकना है फिर तो हमें यहां एक झोपड़ी बनानी पड़ेगी| और भी बहुत से काम करने पड़ेंगे| तो फिर चलो हम दोनों मिलकर झोपड़ी बनाते हैं| तो इस पर पार्वती जी ने चौंक कर कहा एक तो इतने थके हुए हैं और उस पर अब झोपड़ी भी बनानी पड़ेगी? आप कोई आदमी पकड़ लाइए मुझसे अब यह झोपड़ी-वोपड़ी नहीं बनती| पर शिव जी बोले अगर ऐसी बात है तो चलो मेरे साथ चल कर कहीं से आदमी पकड़ लेते हैं जो हमारे लिए झोपड़ी बना देगा

Cartoon, Hut

थोड़ी दूर चलने पर उन्हें एक झोपड़ी दिखाई दी| वो झोपड़ी के पास गए और दरवाजा खटखटाया| अंदर से आवाज आई अरे कौन है आराम भी नहीं करने देते चले आते हैं परेशान करने के लिए| शिव जी बोले भाई तुमसे थोडा काम है ज़रा बाहर आओ| अंदर से आवाज आई भाग जा यहां से न जाने कहां-कहां से आ जाते हैं| सोने भी नहीं देते आराम से| तो शिव जी ने कहा अरे भाई आ जाओ थोड़ा सा काम है उसके बदले पैसे ले लेना| तो अंदर से आवाज आई मुझे कोई पैसे-वैसे नहीं चाहिए भागो यहां से| यह सब सुनकर शिव जी पार्वती जी को लेकर वहां से चल पड़े|

Cartoon, Monk, Seeping under the tree

थोड़ी दूर जाने पर उनको एक आदमी लेटा हुआ दिखाई दिया| जो दुनियादारी से दूर बेफिक्र होकर आराम से सो रहा था| शिव जी और पार्वती जी सोते हुए आदमी के पास गए उसे उठाया और कहा भाई थोड़ा काम है कर दो उसके बदले में हम तुम्हें पैसे देंगे| तुम चाहो तो हम तुम्हे कुछ और भी दे सकते हैं, कुछ खाने के लिए| तो वह आदमी बोला अरे जब भूख ही नहीं है तो किस बात का काम? और किस बात के पैसे? चलो भागो यहाँ से| मुझे नहीं करना कोई काम-वाम| 

पार्वती जी यह सुनकर विचलित हों उठीं और बोली कि यह क्या हो रहा है? इस तरह तो श्रृष्टि थम जाएगी| सब कुछ तबाह हो जाएगा| तो शिव जी बोले आपने ही तो किया है यह सब| आप ही ने तो कहा था की मनुष्य का पेट हटा दीजिए, अब जब मैंने पेट हटा दिया है तो इनमें काम करने की इच्छा ही नहीं रही| और अगर इनके पेट होता तो यह आपके हाथ-पाँव भी जोड़ते और काम भी करते| और आपकी झोपड़ी भी बनाते| अब ना ही इनमें काम करने की इच्छा है और ना ही किसी बात की चिंता है| इनको अब सिर्फ एक ही चीज़ सूझती है, सोना सोना और सोना| अब यह इंसान आराम के आलावा और कुछ करना ही नहीं चाहता| पार्वती जी ने आखिर में हार मानकर शिव जी से माफ़ी मांगी। और उनसे कहा कि इंसानों के पेट वापस लगा दीजिए नहीं तो यह श्रृष्टि थम जाएगी| श्रृष्टि को चलाने के लिए पेट का होना ज़रूरी है| 

कहने का तात्पर्य यह है कि, यह संसार सिर्फ पेट के कारण ही चल रहा है|




Friday, April 21, 2017

कल और आज

कल और आज

कल और आज को लेकर एक तुलनात्मक लेख

Past and present, Kids, cartoon

आजकल आप अपने दोस्तों में, अपने रिश्तेदारों में एक बात अक्सर ही सुन पायेंगे कि मेरी चार साल की बेटी है और वो मोबाइल चला लेती है| मेरा पांच साल का बेटा है और वो कंप्यूटर चला लेता है| मोबाइल के जितने ऍप्लीकेशन मै नहीं चला पाता उससे ज्यादा तो मेरा साढ़े चार साल का पोता चला लेता है, वगैरह-वगैरह| लेकिन क्या यह सब ठीक है? इन सारी बातों के पीछे दो तरह की बातें हैं| 

एक, आज का बच्चा वही चीज़ें कर रहा है जो उसे उपलब्ध है जैसे आज हमारे बच्चों के पास मोबाइल लैपटॉप आदि चीज़ें हैं, इसलिए वो उनका इस्तेमाल कर पा रहे हैं| जब हम छोटे थे और उस ज़माने में हमारे पास जो चीज़ें उपलब्ध थी हम भी वो भली-भांति इस्तेमाल कर पाते थे| जैसे आज हम अपने बच्चों के लिए कहते हैं कि मेरा बेटा मोबाइल चला लेता है, मेरी बेटी कंप्यूटर चला लेती है| वैसे ही हमारे बुज़ुर्ग हमारे बारे में कहते थे की मेरा बेटा साइकिल चला लेता है| कोई कहता था पूरी सीट पर बैठ कर चलाता है तो कोई कहता था कैंची चलाता है| मतलब जिस दौर में जो चीज़ें मुहैयाँ थी बच्चें उन चीज़ों का इस्तेमाल अच्छे से कर लेते है| इससे यह नहीं साबित होता की कल के बच्चों में और आज के बच्चों में बौधिक विकास का अंतर आया है| कल और आज के बच्चों में बौधिक विकास लगभग एक सामान है, बस फ़र्क दौर का और समय का है| जिस दौर में जो चीज़ें मुहैयाँ होती है उस दौर के बच्चे उन चीज़ों का सही इस्तेमाल कर ही लेते है|

अब दूसरी बात पर आते हैं| क्या जो आज का बच्चा कर रहा है सही है? आज बच्चा मोबाइल, लैपटॉप चला रहा है| कल बच्चा अपने दौर के हिसाब से हासिल चीज़ों का इस्तेमाल करता था| लेकिन फिर भी उनमे फ़र्क है| कल का बच्चा भी खेल-कूद में वक़्त बीताता था, और आज का बच्चा भी| बस फ़र्क है तो शारीरिक गतिविधियों का| आज का बच्चा एक जगह बैठकर, पेप्सी वेफर्स खाते हुए मोबाइल पर गेम खेलता है, लैपटॉप पर यूट्यूब देखता है| और किसी तरह का शारीरिक गतिविधि वाला खेल नहीं खेलता| आज का बच्चा मोबाइल-लैपटॉप से निकलने वाली हानिकारक तरंगो का अनजाने में सामना करता है| साथ ही एक ही जगह बैठकर और शरीर को हानि पहुँचाने वाले चीज़ें खाकर अपनी तबियत ख़राब करता है| लेकिन कल का बच्चा मैदान में जाकर खेलता था, जिससे उसका शारीरिक विकास होता था| बच्चे तंदुरुस्त बनते थे| और जब थक कर घर आते थे तो भूक लगती थी और जमकर पौष्टिक पेय या भोजन करते थे| जिससे उनके शरीर में ताक़त और स्फूर्ति आती थी|


Wednesday, April 19, 2017

What is fashion?

What is fashion?

The article is about Fashion, Trends, and Lifestyle.


Fashion, Style, Trends

Fashion is nothing but a statement of style, especially in clothing. Fashion is not only limited to clothing it is about accessories, footwear, makeup, hair, appearance, trends, living style, etc.

In the context of clothing fashion, I would like to say that clothing fashion doesn’t stay for a long period. It rotates. It comes back within decade or two. Only Jeans (Denim) is the only apparel which stays from the beginning when it is accepted as fashion apparel. Apart from that, you can see clothing fashion comes and goes.

In every decade or you can say fashion changes in every 3 to 4 years. It starts from a small change in the decade and to the end of the decade it is completely changed. So if you see 30’s fashion that is different from the ’20s. 40’s fashion is different from the ’30s. In that way, you can understand changes in fashion happens.

Fashion, Style, Trends, Trendz

In 30’s Men’s fashion were a little loosen suits with hats. Same with Women’s fashion they use to wear gowns with hats or clothes with furs. In 40’s you can find there is almost no change in Men’s fashion but in Women’s fashion that changed from gown to middies or frocks. In 50’s you can find people use to wear black shiny clothes which are made of Leather, Rexene and some kind of shiny product and the fashion were known with the name of Grease. In the ’60s there was Hippie style. In the ’70s Hippie and Disco were there. In 80’s Baggies and tights, both are there. The ’90s was the time when Jeans (Denim) took place as major fashion apparel which is still going on. Short skirts were also in.


In the current time, there is no particular style. Whatever you wear it becomes a style statement. The important thing is how you carried it.

Ok, with clothing few more things are also important to showcase your style and fashion sense. You need to wear proper shoes. Like formal and casual shoes according to clothes. Whether it is formal shoes, boots, long shoes, snickers, loafers, sports shoes, heels, flats, slippers, etc.

Fashion, Style, Trends, Shoes, Sandals

After clothing and shoes, it comes to your hair, your appearance, and your looks. It is good to go with fashion which is going on. You would love to look like your current style icon. Whether it is your favorite actor, player, and whoever you follow. In the context of appearance, looks, and accessories I would like to say that people use to follow their favorite personality by building a body like them, keeping mustache and beard, with the haircut, and even wearing accessories like their favorite ones.

Now, when it comes to branded fashion then you are forced to carry branded goods whether it is for clothing, shoes, hair stylist, and accessories and so on. Each of them will speak on their own. And friends, branded fashion is more expensive than regular fashion. In fact, in the market there are copies are also available, first copy, second copy, third copy, local, etc. It all depends on the size of your pocket, I mean to say how much you can spend.

Fashion, Style, Trends, Brands, Cartier, Rolex, Puma, Nike, Chanel,

Fashion is not only known as people’s clothing, appearance, accessories and all those things which I have written above. It is also known for the living style you use to keep. What kind of home you are living in? What are the interiors? Where you use to go for dining, for holidays for the party?

Fashion, Style, Trends, Living Style, Lifestyle, Brands

All these above things belong to the word called FASHION.



Sunday, April 9, 2017

अक्षय कुमार को बेस्ट एक्टर का नेशनल अवार्ड

अक्षय कुमार को बेस्ट एक्टर का नेशनल अवार्ड

अक्षय कुमार को मिला 2017 का नेशनल फ़िल्म अवार्ड

Akshay Kumar, National Award
भारत सरकार की ओर से सिनेमा में योगदान के लिए नेशनल अवार्ड्स की घोषणा की जा चुकी है| अप्रत्याशित रूप से अक्षय कुमार को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता चुना गया| कुछ भी टिपण्णी करने से पहले अक्षय कुमार को बधाई और निर्णायक मंडल को साधुवाद!

Akshay Kumar, National Award

अक्षय कुमार दो दशक से ज्यादा से हिंदी सिनेमा में कार्यरत है और सम्भवतः यह उन्हें पहली बार बेस्ट एक्टर का अवार्ड मिला है| अक्षय ने एक विडियो बना कर अपने फैन्स को धन्यवाद दिया है|
बेस्ट एक्टर का अवार्ड मिलना बहुत ही सम्मान की बात है, इसलिए अक्षय का खुश होना स्वाभाविक भी है| मैं अक्षय की ख़ुशी के रंग में भंग नही डालना चाहता लेकिन जो चुभ रहा है उसे लिखना भी मजबूरी है|

Akshay Kumar, National Award, Rustom

अक्षय कुमार को यह अवार्ड उनकी फिल्म रुस्तम के लिए मिला| रुस्तम एक औसत फिल्म थी और सफलता भी औसत ही मिली| रुस्तम के मुकाबले में एम. एस. धोनी – द अनटोल्ड स्टोरी, सुलतान, ऐ दिल है मुश्किल और दंगल ने कही ज्यादा सफलता अर्जित करी| यहाँ ये प्रश्न ज़रूर उठता है कि बेस्ट एक्टर का अवार्ड पाने के लिए फिल्म की सफलता कोई मापदंड नहीं है| यहाँ अभिनय को सम्मानित किया गया है न कि फिल्म के बिज़नेस को| इस तर्क को मानते हुए अगर सिर्फ अभिनय की बात करे तो भी अक्षय कुमार का चुनाव युक्तिसंगत नहीं लगता|

Akshay Kumar, National Award, M S Dhoni, Siltan, Ae Dil Hai Mushkil, Dangal

ज़रा एक बार नजर डाल लें कि बाकी कौन से अभिनेता किस फिल्म के लिए इस अवार्ड की प्रतियोगिता में थे| अमिताभ बच्चन - वज़ीर, तीन और पिंक के लिए | चलिए अमिताभ बच्चन जी को तो इस प्रतियोगिता से हटा ही दीजिये आखिर कितने अवार्ड उन्हें दिए जाएँ और कितनी बार सूरज को दिया दिखाया जाये|

Akshay Kumar, National Award, Wazir, Teen, Pink

सुलतान के लिए सलमान खान भी कम्पटीशन में थे वहीँ फैन के लिए शाहरुख़| सुलतान जहाँ सफलता के झूले पर पींगे मार रही थी वहीँ फैन में शाहरुख़ ने अभिनय के नये आयाम को छुआ| सलमान और शाहरुख़ का यह परफॉरमेंस नेशनल अवार्ड्स के जजों को प्रभावित नहीं कर सका|

Akshay Kumar, National Award, Sultan, Fan

100 करोड़ से ऊपर बिजनेस करने वाली ऐ दिल है मुश्किल के रणवीर कपूर भी चुलबुलेपन और गम्भीरता के दो आयामी अभिनय क्षमता को प्रदर्शित करने के बावजूद जजों को रिझा नहीं पाए|
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एक फिल्म ऐसी भी आई जिसमे  कोई सुपरस्टार नही था लेकिन जिनके जीवन पर यह फिल्म बनी थी वो किसी भी बॉलीवुड के सुपरस्टार से कम नही है| जी हाँ, मैं बात कर रहा हूँ, पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की और उनके जीवन पर बनी फिल्म एम. एस. धोनी – द अनटोल्ड स्टोरी की| सुशांत सिंह राजपूत ने जिस तरह धोनी को पर्दे पर उतारा वो काबिल-ए-तारीफ़ है| शायद सुशांत का ये कमाल का परफॉरमेंस अवार्ड दिलाने के लिए काफी नहीं था|

Akshay Kumar, National Award, M S Dhoni

अंत में बात करते है साल के अंत में आई फिल्म दंगल की| कथा, पटकथा, निर्देशन और अभिनय के मामले में ये फिल्म हर फिल्म पर भारी रही| इतना ही नहीं इस फिल्म ने सफलता के सारे कीर्तिमान भी तोड़ डाले| आमिर ने लाजवाब अभिनय किया| आमिर को अवार्ड ना मिलने पर मैं इतना ही कह सकता हूँ कि शायद निर्णायक मंडल के एक भी सदस्य ने यह फिल्म नहीं देखी होगी|

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अक्षय को अवार्ड मिलने का एक कारण यह हो सकता है कि रुस्तम देशभक्ति के विषय पर बनी एक फिल्म थी और देश के सिनेमा का सर्वोच्च आवर्ड उसी को मिलना चाहिए जिसने देश पर बनी फिल्म में काम किया हो, फिर चाहे वो भारत का नागरिक हो या कनाडा का| ज्ञात रहे अक्षय कुमार ने कनाडा की नागरिकता ले रखी है|



Monday, February 6, 2017

Cameras - for Amateur Film-makers

Cameras - for Amateur Film-makers

Cameras for Amateur Film-Makers, who can use these cameras to make their films.

Camera, Photographer, Photography, Film-makers

Cameras - for Amateur Film-makers


Hello to all my creative friends.  Today I came with a few interesting gadgets for all you amateur film-makers. Who wants to make their own films… So here we go.


Mobiles

Mobile, Camera, Photographer, Photography, Film-makers

Friends you can use your mobile phone’s camera to shoot video.  Such as
  • Apple iPhone 6S
  • Google Nexus 6S
  • HTC 10
  • Huawei P9
  • LG G5
  • Samsung Galaxy S7
  • Sony Xperia Z5
Camera phones are really very useful to the beginner filmmakers. These phones can give you great resolution videos from 720p to 4K Videos. The person who is interested in making films with mobile they can and they will find some interesting software to fill their need regarding lenses, after effects, and many more.

Almost every mobile can edit your recorded videos with the downloaded editing software. The main problem comes when it comes to sound and storage. So if you guys want to record your video with good Audio quality you need to provide a microphone to the subject and for distance recording you have to buy an Audio Recorder and for long video recording you need sufficient space in your storage or extra SD card.


Camcorders


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Next good option is your camcorders. Many brands are available in the market. Such as
  • Sony
  • Panasonic
  • Canon
  • Samsung
  • JVC
Camcorders are really simple and limited featured cameras for those who don’t want to go in technical details.

Generally, camcorders shoot in 1080p resolution, but some of the cameras shoot in 4K resolution also. There is inbuilt microphone in every camcorder but to capture decent audio, need to use external microphone.

Camcorders use to have an inbuilt zoom to focus on your subject. Few camcorders come with a touchscreen LCD monitors. Camcorders are good for those who want to make a simple video.

DSLR

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There are many brands of DSLRs are available in the market like,
  • Sony
  • Panasonic
  • Canon
  • Samsung
  • Nikon
DSLR’s meaning is Digital Single Lens Reflex. Generally, DLSRs comes with double feature Still and Footage camera. So you can take advantage of photography and video shooting. Usually DSLRs give HD and 4K resolution quality, but you can enhance the quality by using interchangeable lenses.

To capture decent audio you need to spend on external audio recorders and few more gears to record a stable video by mounting the camera on a tripod. The video will be shaky and unusable if you handle the camera on your own.

DSLRs are for little advance video makers. Who knows the basics of the shootings.

The above-mentioned cameras are for amateurs and from here professional cameras are needed to make films.

Professional cameras are for those who are professional. Who has detailed knowledge about film making. Who knows about Frames, Exposure, Lighting, Lenses, White Balancing, Sound Levels, Image Stabilisation, Recording Formats, and many more…

Apart from these amateur and professional cameras, there are some other cameras also, which people use to make amateur and professional films. And these cameras are Hidden Cameras, CCTV Cameras, Action Camera and Web Camera.

Things not to forget that you need a camera that is right but along with that you need a few more gadgets, gears and accessories and those are
  1. Story
  2. Screenplay
  3. Tripod
  4. Gorilla Tripod
  5. Steadicam
  6. Camera Mounts
  7. Microphones (You can use your earphone mic as well)
  8. Sound Recorder
  9. SD Cards
  10. Computer
  11. Video Editing Software
And last but not the least supportive friends and family.

That is all friends, now go and pick your type of camera and start making films. All the best!


Saturday, January 21, 2017

ब्लैक गंगोत्री - Black Gangotri

ब्लैक गंगोत्री - Black Gangotri

स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत एक परिदृश्य

Swachh Bharat Abhiyan

गंगा शब्द सुनते ही हमारे मन में पवित्र विचार उठते हैं| मानो जैसे गंगा शब्द सुनते ही कानों में और मन में अमृत का सा एहसास होने लगता है| गंगा इस धरती पर उतरी थी किसी की मुक्ति के लिए या मानीए कि उतारी गई थी धरती पर अपने पूर्वजों को मुक्ति दिलाने के लिए, जो उस समय भागीरथ के नाम से जाने जाते थे| उन्होंने उस समय यह कार्य संभव बनाया था अपने पूर्वजों को और इस पृथ्वी पर रहने वाले प्राणीयों को मुक्ति या अपने पापों को धोने के लिए और ऐसा हुआ भी| आज गंगा हमें साफ़ करते-करते थकी-थकी सी नज़र आने लगी है| 

एक वो गंगा थी जो उस समय भागीरथ जी इस पृथ्वी पर लाये थे और एक काली गंगा इस पृथ्वी पर इंसान ने बना डाली है| इंसान के अन्दर न जाने कौन सा घमंड घर किये हुए है जो परमात्मा से बराबरी करने या परमात्मा बनने की कोशिश करता है| लेकिन परमात्मा की उस गंगा को थका-थका सा ज़रूर महसूर कर सकते हैं| पर उसकी पवित्रता आज भी विश्वास योग्य है| लेकिन इन्सान की बनाई हुई इस काली गंगा में एक बार कोई डुबकी लगा ले तो आत्मा परमात्मा में एक क्षण में विलीन हो जायेगी|

इस काली गंगा के पुल के ऊपर से अगर कोई निकले तो आत्मा नाक के दोनों छेदों के ज़रिये ही बाहर आने के लिए आतुर हो उठती है जैसे अभी परमात्मा से मिल लेना चाहती हो| यह काली गंगा कभी किसी ज़माने में नाली के नाम से जानी जाती थी| जैसे-जैसे शहरी विकास हुआ, इंसानों का विकास हुआ उसी के साथ-साथ इस काली गंगा का भी विकास हुआ| जो काली गंगा किसी समय नाली के नाम से जानी जाती थी वो बाद में नाला बनी और अब विशाल नदी का रूप लेती जा रही है|

भगवान की इस साफ़ और पवित्र गंगा को तो लोगों ने पहले ही गंदा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और अब उस गंगा को साफ़ करने की समस्या से निपटने की तैयारी कर रहे हैं| वो गंगा साफ़ होगी या नहीं पता नहीं, मगर इस काली गंगा से इन्सान कैसे निपटेगा जिसे वह अपने विनाश के लिए तैयार कर रहा है| कंपनी से निकलता केमिकल, शौचालयों के सेप्टिक टैंको के बोझों, घरों से निकलता गन्दा पानी, गटरों-सीवरों से होता हुआ इस काली गंगा को विकराल रूप दे रहा है| इस देश की नदियाँ तो गन्दी हो ही रहीं है, मगर शहरों के चारों तरफ ये अपना परचम लहरा रही है| अगर इस काली गंगा का निदान नहीं किया गया तो, कहते है उस गंगा में डुबकी लगाने से स्वर्ग मिलता है अब स्वर्ग मिलता है या नहीं यह तो पता नहीं मगर ये काली गंगा इस पृथ्वी के जीवों के लिए नर्क का द्वार ज़रूर खोल रही है| तो क्या आप लोग तैयार है इस काली गंगा में डुबकी लगाने के लिए| आप तैयार हो न हो लेकिन डुबकी तो आप रोज़ लगाते है इस काली गंगा में| डुबकी न सही तो उसकी बदबू ही सही डुबकी तो डुबकी ही है| भागीरथ जी ने अपने पूर्वजों को मुक्त कराया और हमें तोहफे में दी पवित्र गंगा, मगर हम अपने आने वाली नस्लों को भेंट स्वरूप देंगे ये काली गंगा, यह ब्लैक गंगोत्री|

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